ब्रेकिंग न्यूज
logo
add image
Blog single photo

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह बनेंगे किसान नेता!... दूसरे बड़े गैर राजनैतिक कार्यक्रम का किया ऐलान....उज्जैन संभाग के इस जिले से होगी शुरूआत...क्या है मामला- पढिय़े पूरी खबर.. बस एक क्लिक में


भोपाल/उज्जैन। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गी राजा ने अब किसान नेता बनने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने विधि विधान पूर्वक अभिजीत मुर्हूत भी निकलवाया है। उनके इस नये कार्यक्रम की उज्जैन संभाग से शुरूआत होने के कयास लगाये जा रहे हैं। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में दिग्विजयसिंह नंबर एक के नेता थे। लेकिन कमलनाथ के मध्यप्रदेश में सक्रिय होने के बाद वे नंबर दो पर पहुंच गये हैं। यही कारण माना जा रहा है कि वे अब अपने गैर राजनैतिक कार्यक्रम का ऐलान किया है।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में नंबर 1 की पोजिशन रखने वाले दिग्विजयसिंह अब नंबर दो पर पहुंच गए है। इसका मुख्य कारण कमलनाथ का मध्यप्रदेश में सक्रिय राजनीति में आना है। यही कारण है कि दिग्विजयसिंह ने किसान नेता बनने का कार्यक्रम बनाया है। बताया जा रहा है कि 4 मार्च 2021, यशोदा जयंती, दिन बृहस्पतिवार, तिथि षष्ठी, संवत 2077, अभिजीत मुहूर्त में उज्जैन संभाग के रतलाम से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। बताया जा रहा है कि नर्मदा परिक्रमा यात्रा की तरह दिग्विजय सिंह किसान महापंचायत को भी गैर राजनीतिक कार्यक्रम घोषित किया है। दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों को बताया  कि इस सिलसिले में उनकी कमलनाथ से बात हो गई है। यह एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम है जिसमें सभी किसानों को आमंत्रित किया गया है। 

कमलनाथ कांग्रेस आई पॉवर में

यह बात सर्वविदित है कि विधानसभा चुनाव 2018 के लिए दिग्विजय सिंह ने कड़ा परिश्रम किया था। परंतु सत्ता परिवर्तन के बाद अचानक कमलनाथ एक्टिव हो गए और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन बैठे। सत्ता परिवर्तन के बाद उम्मीद थी कि कमलनाथ दिल्ली वापस चले जाएंगे परंतु ऐसा नहीं हुआ उल्टा कमलनाथ ने कांग्रेस संगठन पर अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दिया। मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह से बड़ा गुट किसी का भी नहीं था लेकिन टिकट वितरण और संगठन के दूसरे कई फैसलों में कमलनाथ ने कई बार प्रमाणित कर दिया कि दिग्विजय सिंह की सलाह और पॉलिसी, संगठन के निर्णय को प्रभावित नहीं करती। सरल शब्दों में कहें तो मध्यप्रदेश में इन दिनों कमलनाथ कांग्रेस पावर में है और इसके खत्म होने की संभावना नहीं है। पिछले दिनों नाथूराम गोडसे को भगवान की तरह पूछने वाले बाबूलाल चौरसिया का कमलनाथ द्वारा कांग्रेस पार्टी में स्वागत किया गया।

ताजा टिप्पणी

टिप्पणी करे

Top