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हम दूसरों की थाली में सब्जी पहुंचाते हैं, लेकिन कोरोना काल में हमारी ही थाली से गायब हो गया अनाज, मुख्यमंत्री ने हमारी थाली फिर से अनाज से भर दी

उज्जैन 23 अक्टूबर। शहर के मालीपुरा में रहने वाले 41 वर्षीय इन्द्रेश बारोठ और उनके छोटे भाई काफी समय से सब्जी बेचने का व्यवसाय करते हैं। उनके परिवार में उन्हें मिलाकर कुल नौ सदस्य हैं। इतने बड़े परिवार को चलाने के लिये इन्द्रेश और उनके भाई दिन-रात मेहनत करते हुए अपना व्यवसाय चलाते थे, लेकिन इन्द्रेश और उनके परिवार ने यह कभी नहीं सोचा था कि दूसरों की थाली में सब्जी पहुंचाने वाले उनके परिवार की थाली से ही एक दिन राशन दूर हो जायेगा।

वैश्विक महामारी कोविड-19 जैसे-जैसे पैर पसार रही थी, वैसे-वैसे इन्द्रेश के व्यवसाय में मंदी भी पैर पसारने लगी। कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण इन्द्रेश को सब्जी के व्यवसाय में काफी नुकसान हो गया था। एक समय पर अच्छा चलने वाला उनका व्यवसाय मानों थम-सा गया था। जैसे-जैसे लॉकडाउन की अवधि बढ़ती जा रही थी, इन्द्रेश के घर में राशन का स्टॉक समाप्त होता जा रहा था। व्यवसाय ठप पडऩे की वजह से हुए आर्थिक नुकसान के कारण बाजार से महंगे दाम में राशन खरीदना उनके लिये मुश्किल होता जा रहा था।

धीरे-धीरे जब अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई, तो भी इन्द्रेश के लिये परिस्थितियां पहले जैसी नहीं थी। इन्द्रेश को व्यवसाय में जो नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई कर पाना तो दूर, व्यवसाय भी अब पहले जैसा नहीं चल रहा था। ऐसे में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना की बदौलत इन्द्रेश और उनके परिवार की थाली में फिर से अनाज आना प्रारम्भ हो गया है। योजना अनुसार इन्द्रेश के परिवार के प्रति सदस्य को पांच-पांच किलो गेहूं व चावल, एक किलो नमक तथा डेढ़ लीटर केरोसीन मुहैया कराया जा रहा है। इससे इन्द्रेश और उसके परिवार को मुश्किल घड़ी में काफी संबल मिला है। गरीबों के हित के लिये प्रारम्भ की गई योजना हेतु इन्द्रेश मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं।

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