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*लॉकडाउन और आतंरिक सुरक्षा*

*पाठको का मंच*



आज समूचा विश्व कोरोना महामारी  से जुझ रहा है। हमारा देश भी वर्तमान में विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा थोड़ा कम परंतु इस महामारी से ग्रसित है। महामारी के इस दौर में हमें देश की आंतरिक सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है।
इसका कारण है सरकार का सही समय पर सही कदम उठाना एवं देश के नागरिकों का राष्ट्र के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना। 
   अब सवाल ये उठता है कि इस महामारी का कोई इलाज नही है, केवल सावधानी एव जागरूकता से ही इससे बचा जा सकता है। और इस बीमारी के बाद हमारा जीवन एवं चुनौतियाँ क्या होगी। 
इससे देश की एक मुख्य चुनोती है। देश की आतंरिक सुरक्षा ।
 गत तीन महीनो से पूरे देश मे व्यापक लॉक डाउन से देश के सामने अनेक चुनोती बढ़ी है। 
देश के बड़े उद्योगपति से लेकर किसान एवं रोजनदारी मजदूर तक अभी को इसका नुकसान झेलना पड़ा एवं आगामी में दिनों में भी इसका असर व्यापक रहेगा। 
आंतरिक सुरक्षा के मुख्यतः बिंदु
राष्ट्र की संप्रभुता की सुरक्षा 
देश में आंतरिक शांति और सुरक्षा को बनाए रखना 
कानून व्यवस्था बनाए रखना 
शांतिपूर्ण सहअस्तित्व एवं सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना। 
जिन जमातियों द्वारा भारत मे इस महामारी को फेलाया गया उनके प्रति अब भी वर्ग विशेष का प्रेम भी राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। 

वर्तमान परिस्थिति के सरकार देश की अर्थव्यवस्था एव लोगो की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। ऐसे विषम समय के राष्ट्रविरोधी वामपंथी ताकते सक्रिय होगी तथा षड्यंत्र के माध्यम से देश का अहित हो ऐसे सारे हतकण्डे अपनाएगी। 
कुछ राष्ट्रविरोधी बुद्धिजीवी विद्यार्थियों एव विश्वविद्यालयों में राष्ट्र की अखंडता एव सम्प्रभुता को खंडित करने का प्रयास तीव्र गति से चलाएंगे ताकि देश पुनः विकास की पटरी पर न पहुंच पाए एवं अलगाव बना रहे। 
कुछ विभाजनकारी तत्व जो हमने सोशल मीडिया के माध्यम से देखे कोई सब्जी एव फलों पर थूक रहा है। ऐसे दांव प्रवर्ति के लोग इस राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। 

धार्मिक कट्टरता साम्प्रदायिक सोच वाले कुछ असामाजिक तत्व भी नही चाहते कि पूरा देश एकजुट होकर रहे। वह हरसम्भव प्रयास करेंगे। 
इस विप्पति में आतंकवाद एवं नक्सलवाद भी आतंरिक सुरक्षा के लिए सिरदर्द साबित होगा। 

 राष्ट्र इस कोरोना महामारी को हराकर फिर से प्रगति के शिखर पर पहुंचे ऐसी हर एक राष्ट्रभक्त की कामना है। लेकिन कुछ लोग व्यक्तिगत स्वार्थ सिद्ध करने में देश की अनेक संस्थाओं में भ्र्ष्टाचार एव घोटालों से अपनी आय बढाने का पूरा प्रयास करेंगें। ऐसे स्वार्थी लोग भी राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। 
कुछ आदतन अपराधी प्रवर्ती के लोग है जो चोरी चकारी करते है। जो गत तीन माह से बैठे है। वह भी पुनः सक्रिय रहेंगे जो प्रशासन के लिए सरदर्द बने रहेंगें। 


राष्ट्र इस आपदा से लड़ने और जितने के हर सम्भव प्रयास कर रहा है। हम सफल भी होंगे। क्योंकि हमारा विजयशाली इतिहास रहा है। 
हमारी गौरवशाली संस्कृति हमे हमारे राष्ट्र एव मातृभूमि के लिए त्याग और समर्पण सिखाती है। 
होंगे कुछ विभाजनकारी राष्ट्रद्रोही लेकिन उनसे कहीं ज्यादा राष्ट्रभक्त है जो भारत माता के आगे अपने मस्तक को झुका कर यह राष्ट्र परमवैभव पर पहुंचे ऐसी नित्य प्रार्थना करते है। 
ऐसे राष्ट्रभक्त सज्जन शक्ति सक्रिय रहेगी तो देश की आंतरिक सुरक्षा बनी रहेगी। 
आओ हम संकल्प ले कि इस महामारी को हराएंगे राष्ट्र को जिताएंगे। 
मुह पर मास्क लगाएमगे , दो गज की दूरी बनाएंगे 
 वन्देमातरम 
                   
    भरत पांचाल
    मो.9074417025

*(पाठकों का मंच कॉलम विशेष कर आप सभी के लिए प्रारभ किया गया है।इसमें आप समस्या, जागरूकता सबधीं लेख भेज सकते है। इस कॉलम में लेखक के अपनें विचार दिये जायेंगे।इसमे सम्पादक की सहमति आवश्यक नहीं है।)*

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