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असुरक्षित हाथों में महाकाल की सुरक्षा का ठेका

पंकज पांचाल, उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा का ठेका हाल ही में दिल्ली की एक सुरक्षा एजेंसी को दिया गया सुरक्षा एजेंसी के बारे में बताया गया कि विदेशों में भी कार्य कर रही है ।बात में कितनी सच्चाई है यह तो हम तय  नहीं कर पाएंगे परंतु महाकालेश्वर मंदिर पर एक कर्मचारी किस तरह अपनी जिम्मेदारी संभाल रहा है वह यह चित्र दिखा रहा है ।यह चित्र भारत माता मंदिर स्थित पार्किंग का है चित्र झूठ नहीं बोलता। इससे यह तय होता है कि असुरक्षित हाथों में है महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा का ठेका ।

श्री महाकालेश्वर भगवान के दरबार में आने वाले 2 वर्षों के लिए सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा दिल्ली की कंपनी एसआईएस सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस  को 6 करोड रुपए में मिला है। बताया जा रहा है कि मंदिर प्रबंध समिति की ओर से सुरक्षा हेतु निविदाएं पोर्टल के माध्यम से बुलाई गई थी। जिसमें पूरे देश से कुल 8 निविदा प्राप्त हुई।दस्तावेजों के आधार पर आठ में से चार को तकनीकी रूप से योग्य पाया गया।और चार कंपनिया इस प्रक्रिया में बाहर हो गई। चार कंपनियों में प्राप्त अंक के आधार पर एसआईएस को मौका मिला।  कंपनी के विषय में बताया गया है कि इसका प्रेजेंटेशन अच्छा है ,वही निविदा में नियम अनूसार अनुभव, टर्नओवर ,कर्मचारियों की क्षमता और मंदिर के कार्यों का अनुभव भी अन्य कंपनियों के मुकाबले काफी बेहतर बताया गया  । इसी के आधार पर चयन समिति द्वारा सुरक्षा का ठेका  अनुमोदन करने के लिए फाइल कलेक्टर को भेजी। और ठेका सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विसेज मुख्यालय दिल्ली को मिला।
नाम बदला ,कर्मचारी वही
बताया जा रहा है कि मंदिर समिति ने भले ही नाम के लिए नई सुरक्षा एजेंसी को ठेका दिया। उस की तारीफों के पुल बांधे गए परंतु जमीनी स्तर पर काम करने के लिए वहां पर लगभग 50% कर्मचारी पुराने बताए जा रहे हैं।  इनमें प्रेम शंकर दुबे ,राहुल शर्मा, शेंलेद्र योगी, दिलीप राय, धर्मेंद्र परमार, जितेंद्र चौहान ,अरविंद कुमावत सहित करीब 70 -80 ऐसे कर्मचारी है। जो पिछली एजेंसी में भी कार्य कर चुके हैं। इनमें सिक्योरिटी इंचार्ज प्रेम शंकर दुबे के विषय में तो यह भी बताया जा रहा है कि वे खुद एक सिक्योरिटी एजेंसी चलाते थे। परंतु खुद की एजेंसी बंद कर खुद सुरक्षा कर्मी के रूप में यहां कार्य कर रहे हैं। इसके पीछे या तो वह  महाकाल की सेवा करना चाहते हैं या फिर कमाई का जरिया है अच्छा मान रहे हैं। 
यहां है कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले
सूत्रों के अनुसार महाकाल मंदिर में सुरक्षा कर्मियों की भर्ती के लिए कंपनी से लेकर मंदिर सुरक्षा अधिकारी सभी से सेटिंग चाहिए। तभी भर्ती होगी अन्यथा उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। ड्यूटी के लिए भी सेटिंग जरूरी है।सुरक्षाकर्मियों को पार्किंग गेट, नंबर 1 वीआईपी गेट और नंदीहाल आदि क्षेत्रों में अपनी ड्यूटी लगाने के लिए जैक और चेक  दोनों लगाने की आवश्यकता पड़ जाती है।
यहां है कमाई की ड्यूटी
पार्किंग
भारत माता मंदिर के पास बने पार्किंग स्थल पर फोर व्हीलर के लिए ₹20 शुल्क चुकाना होता है यह शुल्क 3 घंटे के लिए होता है अधिक समय होने पर ₹10 अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है बताया जाता है कि प्रतिदिन लगभग 100 गाड़ियां यहां पार्क होती है जिनमें मिलने वाला अतिरिक्त शुल्क कर्मचारियों की जेब में चला जाता है। यहां कर्मचारी प्रतिदिन ₹1000 की कमाई करता है।
गेट नंबर 1
महाकाल मंदिर में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है यहां गेट नंबर 1 पर ड्यूटी रहता सुरक्षाकर्मी मोबाइल पता चल जाने पर पास की हार फूल की दुकान पर रखवा देता है दुकानदार मोबाइल को लाकर में रखने के लिए ₹10 लेता है लगभग यहां भी सो मोबाइल प्रतिदिन रखे जाते हैं । मोबाइल में होने वाली इनकम का हिस्सा भी सिक्योरिटी गार्ड का मिलता है।
वीआईपी गेट
वीआईपी गेट से दर्शन करने जाने हेतु मंदिर समिति ने ₹250 शुल्क तय किया है इस गेट से श्रद्धालु शीघ्र दर्शन कर सकता है। समय अभाव के चलते श्रद्धालु इस गेट तक आता है ।दलाल नुमा लोग यहां पर सक्रिय होते हैं वह सिक्योरिटी गार्ड से सेटिंग कर सो रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क लेकर दर्शन वीआईपी गेट द्वारा करवा देते हैं इसमें भी सुरक्षा कर्मियों का हिस्सा होता है

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