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जीरो वाटर बजट वाला वार्ड बनाने की तैयारी : सिंगापुर के जल विशेषज्ञ वैज्ञानिक के साथ शहर के वाटर ट्रीटमेंट की कार्य योजना बनाई गई

उज्जैन। क्षिप्रा के पानी को ट्रीटमेंट करते हुए बहुत ही नॉमिनल शुल्क में पीने के लिये उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए महापौर मुकेश टटवाल, निगम आयुक्त रौशन कुमार सिंह एवं जल कार्य समिति प्रभारी शिवेंद्र तिवारी ने शनिवार को सिंगापुर से उज्जैन पधारे जल वैज्ञानिक डॉ शैलेष खरकवाल के साथ वाटर ट्रीटमेंट हेतु कार्य योजना बनाने पर चर्चा की गई।

सिंगापुर से उज्जैन पधारे जल वैज्ञानिक डॉ. शैलेष खरकवाल के साथ महापौर मुकेश टटवाल, निगम आयुक्त रौशन कुमार सिंह तथा जल कार्य एवं सिवरेज प्रभारी शिवेन्द्र तिवारी ने शनिवार को क्षिप्रा के जल का ट्रीटमेंट कर पेयजल के रूप मे उपयोग किये जाने के संबंध में चर्चा की गई कि किस प्रकार पानी को एक प्रक्रिया के द्वारा ट्रीटमेंट किया जाकर पुनः उपयोग में लाया जा सकता है। बैठक में डॉ. खरकवाल को स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान अन्तर्गत नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा किये जा रहे नित नए नवाचारों के बारे में भी बताया गया। डॉ. खरकवाल को बताया गया कि क्षिप्रा के घाट पर जो शौचालय का निर्माण किया जा रहा है उसके उपयोग करने पर निकलने वाले अपशिष्ट जल का ट्रीटमेंट करते हुए पुनः जल का उपयोग किस प्रकार कर सकते है इसकी जानकारी दी गई एवं बताया कि घाटों पर बनाए जाने वाले शौचालयों के अपशिष्ट जल का ट्रीटमेंट करने से ना तो घाट पर गंदगी होगी और ना ही क्षिप्रा का पानी दूषित होगा और कोई भी अपशिष्ट नदी में नही मिलेगा। डॉ. खरकवाल को सुझाव देते हुए कहां कि वार्ड में एक ऐसा पब्लिक टॉयलेट बनाया जाएगा जो कि जीरो डिस्पोजल तकनीक पर आधारित हो, जिसमें सेप्टिक टैंक को खाली भी ना करना पड़े इस प्रकार की कार्य योजना बनाई जाएं।

महापौर श्री टटवाल ने कहां कि कानीपुरा स्थित सुजलाम आवास मल्टी पर इस तरह का प्लांट लगाया जा कर परीक्षण किया जाएगा कि किस प्रकार मल्टी से निकलने वाला अपशिष्ट जल को पुनः ट्रीटमेंट तकनीकी के माध्यम से उपचारित करते हुए पुनः उपयोग में लाया जा सकता है।

बैठक में महापौर श्री टटवाल ने कहां कि किसी एक वार्ड को लीकेज फ्री एवं वहां के घरों से निकलने वाले पानी को रिसायकल करते हुए पुनः उपयोग में किया जाएगा इसके लिए एक जीरो वाटर बजट वाला वार्ड बनाने की योजना भी बनाई जाएं।

बैठक में एमआईसी सदस्य रजत मेहता, डॉ. योगेश्वरी राठौर, पीएचई के कार्यपालन यंत्री  एन.के. भास्कर उपस्थित थे।

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