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उज्जैन : नगर निगम हुआ मालामाल, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10 करोड़ ज्यादा मिला सम्पत्तिकर, सम्पत्तिकर से 38 करोड से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ

उज्जैन।  नगर निगम की आय का मुख्य स्त्रोत सम्पत्तिकर है, निगम द्वारा अभियान चलाकर सम्पत्तिकर वसूली का कार्य किया गया जिसके परिणाम स्वरूप इस वर्ष 38 करोड से अधिक का राजस्व सम्पत्तिकर से प्राप्त हुआ जो की पिछले वर्षाे की तुलान में 10 करोड अधिक है जो कि गतवर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। इस वर्ष नगर निगम उज्जैन कर वसूली में प्रदेश में प्रथम रहा है।

अपर आयुक्त संपात्तिकर आदित्य नागर ने बताया कि निगम आयुक्त रौशन कुमार सिंह के मार्गदर्शन में हमने इस वर्ष सम्पत्तिकर वसूली के लिए एक अभियान चलाया जिसमें 40 से अधिक अतिरिक्त कर्मचारियों को सम्पत्तिकर वसूली के लिए पदस्थ किया, बकायादारों के यहां बिल पंहुचाए गए तथा उनसे कर वसूली का कार्य किया। इस अभियान में महापौर मुकेश टटवाल, राजस्व विभाग प्रभारी डॉ. योगेश्वरी राठौर, एमआईसी सदस्यों एवं पार्षदों का भी सहयोग रहा जिन्हों ने करदाताओं से अपील करते हुए उन्हे सम्पत्तिकर जमा कराने के लिए प्रोत्साहीत किया। अपर आयुक्त श्री नागर ने बताया कि उपायुक्त, सहायक आयुक्तों को झोनों में करवसूली की जिम्मेदारी दी गई एवं उपायुक्त संपत्तीकर चंद्रशेर्ख निगम ने मुहीम का नेत्रत्व करते हुए बड़े सत्पत्तिकरदाताओं के घर पहुंच कर उनके कर वसूली का कार्य किया गया साथ ही ताला बंदी, कुर्की जैसी कार्यवाही भी की गई। करदाताओं में भी कर जमा करने का उत्साह दिखा इसका कारण यह रहा कि 31 मार्च के बाद दोगुना कर देना पड़ेगा, इसका परिणाम यह रहा की 31 मार्च के दिन देर रात्रि तक झोन कार्यालयों में करदाता कर जमा करने के लिए आते रहे। महापोर श्री मुकेश टटवाल व निगम आयुक्त श्री रौशन कुमार सिंह भी स्वयं झोन कार्यालयों में पहुंचे एवं व्यवस्थाएं देखी।  

अपर आयुक्त श्री नागर ने कहां कि इस वर्ष गत वर्षाे की तुलना में सम्पत्तिकर वसूली से 10 करोेड अधिक का राजस्व प्राप्त किया है, इसी प्रकार अन्यकर राजस्व विभाग द्वारा भी निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व की वसूली की गई है। आने वाले वर्षाे में इस लक्ष्य कों ओर बढ़ाया जाएगा तथा ऐसे स्थान जहां करदाताओं तक अधिकारी नही पंहुच पाते है ऐसो स्थानों को चिन्हीत करते हुए वहां पंहुचा जाएगा इसके लिए केलेण्डर तैयार किया जाएगा साथ ही नये करदाताओं की व संपतियों की पहचान कर वसूली को प्रभावी किया जावेगा।

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