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मुख्यमंत्री शिवराजसिंह मुर्दाबाद और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को आतंकवादी बोलने वाली भीड़ पर जानिए क्या हुई है कार्यवाही, पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया

भोपाल। प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के मामले में सरकार द्वारा की गई कड़ी कार्यवाही को मुस्लिम समुदाय द्वारा पक्षपाती बताते हुए प्रदर्शन किया जा रहा था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 150 से 200 लोगों पर मामला दर्ज किया है। वही गृहमंत्री ने भी लॉ एंंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए किसी भी सीमा तक जानें की बात कहीं है। बताया जा रहा है की शुक्रवार 15 अप्रैल को नीमच में जुमे की नमाज के बाद खरगोन में हुई हिंसा पर पुलिस की कार्रवाई को पक्षपाती बताते हुए भीड़ ने सवाल उठाए। वही पुलिस, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मुर्दाबाद के ना सिर्फ नारे लगाए बल्कि आतंकवादी और गोली मारने तक की बात कहीं है। 


बीते दिनों खरगोन में हुई हिंसा को लेकर शुक्रवार को जिला एमआईसी कमेटी के सदस्य बड़ी संख्या में एसपी कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने शासन के खिलाफ अशोभनीय नारेबाजी की। वही कलेक्टर के आदेश (धारा 144) भी अवहेलना की, जिसके बाद केन्ट पुलिस ने गुलाम रसुल, सलीम उर्फ गुडलक, यासीन, जावेद, सईद, वसीम, छोटू, राजा, पूर्व पार्षद इकबाल हुसैन, असलम कोरियर, आसिफ मंसूरी सहित अन्य 150 से 200 के खिलाफ धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की। नीमच एसपी सूरज वर्मा ने बताया की यह लोग ज्ञापन देने के लिए इकट्ठे हुए थे और ज्ञापन देने से पहले उन्होंने नारेबाजी की थी जिसमें आपत्तिजनक और भड़काऊ टाइप के नारेबाजी की थी जिसे संज्ञान में लेकर प्रकरण दर्ज किया गया है। इनमें 11 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है, बाकी अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। वही इन लोगों से बॉन्ड भरवाने की कार्रवाई की गई है ताकि यह लोग इस प्रकार का कोई काम ना करें। नीमच के एसपी सूरज वर्मा ने मीडिया को जानकारी दी है कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नजर रखी जा रही है।

दंगाइयों के खिलाफ विधि सम्मत की कार्यवाही -मिश्रा 

मामले पर नरोत्तम मिश्रा का बयान आया हे जिसमे उनका कहना है कि प्रदेश की शांति और अमन के लिए किसी भी सीमा तक जाने के लिए तैयार हूं। मेरे लिए प्रदेश सबसे प्रमुख है। वहीँ खरगोन हिंसा के बाद दंगाइयों के खिलाफ विधि सम्मत तरीके से कार्रवाई की गई है। जो भी न्यायालय जाना चाहता है, जा सकता है। इधर  खरगोन में पूरी तरह शान्ति बनी हुई है और हालात अब सामान्य हैं। स्थानीय प्रशासन अपने स्तर पर स्थिति की समीक्षा कर कर्फ्यू में ढील दे रहा है। 

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