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प्रदेश के तीन विधायकों ने थामा बीजेपी का दामन, अब प्रदेश में इस पार्टी का एक भी विधायक नहीं


भोपाल। भाजपा ने अपने कुनबे में तीन विधायकों को आज मंगलवार को शामिल किया है। इसने प्रदेश की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है।  आज बीजेपी कार्यालय में 3 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। इससे मध्यप्रदेश में सपा पूरी तरह साफ हो गई और बसपा में अब एक ही विधायक बचा है। 

बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तीनों को गुलदस्ते देकर और बीजेपी का दुपट्टा पहनाकर सदस्यता दिलवाई। राजनितिक हलकों में इस परिवर्तन के अलग अलग मायने बताये जा रहे है। आज प्रदेश के तीन विधायकों ने थामा बीजेपी का दामन थामा है उनमे छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट से सपा विधायक राजेश कुमार शुक्ला, भिंड से बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा और सुसनेर से निर्दलीय विधायक विक्रम सिह राणा के नाम शामिल है। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तीनों को गुलदस्ते देकर और बीजेपी का दुपट्टा पहनाकर सदस्यता दिलवाई। राजनितिक हलकों में इस परिवर्तन के अलग अलग मायने बताये जा रहे है। 
बताया जा रहा है की संजीव कुशवाह ने भाजपा छोड़कर बसपा से 2013 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं सके थे,  इसके बाद 2018 में उन्होंने 35 हजार से ज्यादा वोट से जीत हासिल की थी। संजीव बसपा के विधायक दल के नेता थे और बीजेपी में भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश पदाधिकारी और जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं।  संजीव ने अपने पिता के साथ 2013 में बसपा ज्वाइंन कर ली थी।  जिसके बाद आज मंगलवार को वह दोबारा भाजपा में शामिल हुए हैं। इसी तरह राजेश कुमार शुक्ला छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट से सपा विधायक थे।  राजेश शुक्ला ने 2018 चुनाव में भाजपा के पुष्पेंद्रनाथ पाठक को हराया था। उनके राज्यसभा के लिए हुए मतदान में भाजपा के समर्थन में मतदान किया था, जिसके बाद उनको पार्टी से निष्कासित कर दिया था। विक्रम सिंह राणा सुसनेर विधानसभा से निर्दलीय विधायक थे, विक्रम सिंह की भाजपा में शामिल होने की पहले से चर्चा चल रही थी। आज तीनों विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। 
दरअसल 18 जुलाई राष्ट्रपति चुनाव होना है, इसमें लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद और राज्यों की विधानसभा के विधायक भाग लेते हैं। माना जा रहा है कि इस चुनाव में वोटों के गणित को देखते हुए भाजपा सेफ जोन बनाने में लगी है। वही जुलाई में ही नगरीय निकाय चुनाव होना है। इन विधायकों के शामिल होने से कांग्रेस को कड़ी टक्कर और बीजेपी को बड़ा समर्थन मिलेगा। 

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