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*पूर्व कर्मचारी नेता को करना होगा शासकीय आवास खाली : महिला से गाली गलौज करना पड़ा महंगा, पुत्र मोनू अवार्ड पर अजाक की धारा भी बढ़ाई.....पढ़िये पूरी खबर बस एक क्लिक में*

*पूर्व कर्मचारी नेता को करना होगा शासकीय आवास खाली : महिला से गाली गलौज करना पड़ा महंगा, पुत्र मोनू अवार्ड पर अजाक की धारा भी बढ़ाई.....पढ़िये पूरी खबर बस एक क्लिक में*

उज्जैन। स्वास्थ्य विभाग में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के नेता पुत्र को पड़ोसी महिला से अभद्रता एवं गाली गलौच करना महंगा पड़ गया। स्वास्थ्य विभाग में ही कार्यरत कर्मचारी की पत्नी ने देवासगेट थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में नेता पुत्र को आरोपी बनाया है। इस मामले में अजाक थाने में भी मामला पहुंचा था। बताया जा रहा है कि एफआईआर में अजाक की धारा भी बढ़ाई गई है। 

*क्या है पूरा मामला*

बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के पूर्व नेता सुभाष अवार्ड का कैंसर यूनिट परिसर में क्वाटर है। यहाँ अन्य कर्मचारियों का परिवार भी निवास करता है। शनिवार देर शाम परिसर में ही रहने वाले राकेश मालवीय के रिश्तेदार किसी कार्य से घर आये थे। जब वापस जा रहे थे तभी परिसर में आवारा कुत्तों ने उन्हें पैर में काट लिया। जब राकेश की पत्नी कुत्ते को भगाने बाहर आई तो श्रेयश उर्फ मोनू अवार्ड द्वारा अपशब्द कहे। महिला ने जब इस बात का विरोध किया तो आरोपी युवक गंदी गंदी गालियां देने लगा। महिला द्वारा जब मना किया तो दोनों पिता पुत्रों ने काफी हंगामा किया। बताया जा रहा है कि देर रात डायल 100 के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ था।

*दारू पीकर करते थे हंगामा*

गाली गलौज की एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला ने अपने शिकायती आवेदन में इस बात का उल्लेख किया गया है कि सुभाष अवार्ड और उसके पुत्र मोनू द्वारा आये दिन शराब पीकर हंगामा किया जाता है। बताया जा रहा है कि महिला ने आवेदन में सुभाष अवार्ड का भी नाम लिया है लेकिन नेताओ के फोन जाने से आरोपी नहीं बनाया गया था।

*विवादों से रहा है नाता*
सुभाष अवार्ड अपने आपको कर्मचारी नेता बताता है। इसी का लाभ लेकर वह अधिकारियों पर रोब झाड़ता है। पुराने जच्चा वार्ड परिसर में निवास करने वाले लगभग हर परिवार की यह शिकायत है कि यहाँ आये दिन विवाद होते हैं। जिसमे अधिकतर में इनका ही नाम होता है। यहाँ से संचालित होने वाले जननी वाहनों के संचालक द्वारा भी कई बार शिकायत की गई लेकिन आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।

30 वर्ष पूर्व हुआ था आवंटित
मिली जानकारी के अनुसार सुभाष अवार्ड को जो शासकीय आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया है वो उसे करीब 30 वर्ष पूर्व आवंटित किया गया था। यह आवंटन सीएमओ ऑफिस से जारी किया गया था। तभी से अवार्ड वहाँ निवास कर रहा था।

कर्मचारियों की करता था झूठी शिकायत

बताया जा रहा है कि पूर्व कर्मचारी नेता सुभाष अवार्ड परिसर में रहने वाले कई लोगों की झूठी शिकायत कर दबाव बनाता था। उसका उल्लू सीधा नहीं होने तक वह कर्मचारी संघ के लेटर पेड़ का उपयोग कर अधिकारियों पर दबाव बनाता था। कुछ समय पूर्व ही उसने अस्पताल परिसर में रहने वाली एक महिला कर्मचारी के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत में अधिकारियों को लिखित रूप से महिला के पति पर अवैधानिक कार्य करने के आरोप लगाए थे। सूत्रों की माने तो उक्त शिकायत में जब महिला के बयान हुए तो महिला ने काफी गलत बाते शिकायतकर्ता के विरुद्ध बताई थी।

पहले की शिकायत, अब हम प्याला

पूर्व कर्मचारी नेता ने जिस महिला कर्मचारी के पति पर शासकीय आवास में अवैधानिक कार्य करने का आरोप लगाया था वो अब सुभाष अवार्ड का हम प्याला-हम निवाला साथी है। सूत्रों का कहना है कि हाल ही में एक स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारी से मोटी रकम वसूल कर आवास आवंटन करवाया है।

विकास पुरुष के नाम हो रहा बदनाम

सूत्रों की माने तो उज्जैन के विकास पुरुष का खास होने के नाते अभय ने स्वास्थ्य विभाग में गहरी पेंठ बना ली है। विकास पुरुष की आड़ में अभय जमकर सेटिंग कर रहा है। लेकिन कांगेस समर्थित इस पूर्व कर्मचारी नेता से भाजपा के विकास पुरूष के अभय की जोड़ी समझ से परे है। अब देखना यह है कि अभय को विकास पुरुष भय दिखा पाते है कि नहीं।

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