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लोक अदालत : उज्जैन के इतिहास में पहली बार हुआ अनूठा फैसला, 75 लाख की राशि का हुआ अवार्ड पारित....पढिय़े पूरी खबर

उज्जैन 30 जनवरी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि उज्जैन जिले में पहली बार लोक अदालत में एक नया कीर्तिमान जुड़ा है। भारतीय सेना में टेंक चलाने वाले सैनिक राजू वर्मा की सडक़ दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। दुर्घटना में हुई मृत्यु की क्लेम राशि के लिये मृतक की पत्नी और बच्चों ने उज्जैन जिला न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उपरोक्त प्रकरण का निराकरण करते हुए पहली बार उज्जैन जिले के इतिहास में क्लेम प्रकरण के राजीनामे में 75 लाख रुपये की राशि का अवार्ड राजू वर्मा की पत्नी एवं बच्चों के लिये किया। राशि शीघ्र ही राजू वर्मा की पत्नी को दी जायेगी। 

न्यायाधीश नरेन्द्र प्रताप सिंह ने आज पत्रकार वार्ता में उक्त जानकारी देते हुए बताया कि क्लेम राशि देने में इंश्योरेंस कंपनी न्यू इंडिया के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक डीके गुप्ता, डिवीजनल मैनेजर अरूण केवलिया एवं विधि अधिकारी श्री व्यास ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की भावनाओं के अनुरूप कार्य करते हुए 75 लाख रुपये की राशि दिलाने में विशेष सहयोग दिया। उन्होंने बताया कि लोक अदालत के द्वारा प्रकरणों के निराकरण में उज्जैन जिला हमेशा अग्रणी रहा है और सदैव प्रदेश के प्रथम चार जिलों में इसका स्थान रहा है। उन्होंने बताया कि बीमा कंपनियों के लगभग 25 प्रकरणों का निराकरण किया गया है और सम्बन्धित पक्ष को एक करोड़ 25 लाख रुपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया है।

मेगा लोक अदालत 10 अप्रैल को

मेगा लोक अदालत 10 अप्रैल को आयोजित की जानी है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि लोक अदालत में लगभग 25 से 30 राजीनामा के प्रकरण निराकृत किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि मार्च-2020 से कोविड-19 के कारण न्यायालयीन गतिविधियां थम-सी गई थी, परन्तु ऐसे समय में भी माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर उज्जैन में लगभग 9400 विभिन्न प्रकरणों का निराकरण किया गया। 18 जनवरी से न्यायालयों में नियमित कार्य प्रारम्भ हो गया है और सभी न्यायालय अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर रही हैं। जिला अधिवक्ता संघ एवं पक्षकारों के सहयोग से इस वर्ष अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण किये जाने के प्रयास किये जायेंगे, ताकि लॉकडाउन के कारण निराकृत प्रकरणों की संख्या में आई कमी को दूर किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस हेतु लगातार लोक अदालत, मीडिएशन, प्लीबार्गेनिंग जैसी योजनाओं के द्वारा विभिन्न प्रकरणों को निराकृत करने की कोशिश की जायेगी, ताकि पक्षकारों के मध्य आपसी तनाव एवं वैमनस्य हमेशा के लिये दूर हो सके।

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