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राजा और चांदनी बेकरी के अधिकांश नमूने फेल, सेकरीन की हो रही थी मिलावट : छह माह का कारावास एवं 1 से 5 लाख का लग सकता है अर्थदंड

उज्जैन 08 जनवरी। कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश एवं अभिहित अधिकारी व संयुक्त कलेक्टर जगदीश मेहरा के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम द्वारा मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत लगातार निरीक्षण एवं नमूना कार्यवाही की जा रही है। साथ ही खाद्य विश्लेषक द्वारा प्राप्त अवमानक/मिथ्याछाप/असुरक्षित एवं अन्य अपराध पर अभियोजन की कार्यवाही भी की जा रही है।

टीम द्वारा विगत 22 दिसम्बर को जूना सोमवारिया उज्जैन स्थित राजा बेकरी एवं बडऩगर रोड स्थित चांदनी बेकरी पर निरीक्षण कर नमूना कार्यवाही की गई थी, जिनके नमूने राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजे गये थे। खाद्य विश्लेषक, राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट अनुसार राजा बेकरी एवं चांदनी बेकरी के अधिकांश नमूने फेल पाये गये है।

खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग के अधिकारी बसन्तदत्त शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इनमें राजा बेकरी के टोस्ट (खुला) में सेकरीन की मिलावट, तिल्ली टोस्ट मिथ्याछाप, पिस्ता टोस्ट मिथ्याछाप, पाम ऑईल (खुला) अवमानक, शुद्ध भोग मैदा मिथ्याछाप पाये गये। इसी प्रकार न्यू चांदनी बेकरी के न्यू चांदनी टोस्ट (पैक्ड) मिथ्याछाप और रिफाइंड पाम ऑईल (खुला) अवमानक पाया गया।

जगदीश मेहरा द्वारा बताया गया कि राजा बेकरी से लिये गये टोस के नमूने में सेकरिन पाये जाने से नमूना असुरक्षित घोषित किया गया है, जिसमें बेकरी संचालक के विरूद्ध प्रकरण खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, नियम एवं विनियम-2011 की धारा 59(1) के अंतर्गत माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, उज्जैन में प्रस्तुत किया जावेगा। प्रकरण में धारा 59(1) के अंतर्गत अधिकतम छह माह का कारावास एवं अधिकतम एक लाख रूपये अर्थदण्ड का प्रावधान है। वहीं चांदनी बेकरी से लिये गये नमूने अवमानक एवं मिथ्याछाप पाये जाने से संचालक के विरूद्ध प्रकरण माननीय एडीएम न्यायालय में प्रस्तुत किया जावेगा, जिसमें अधिनियम की धारा 51 एवं 52 के अंतर्गत अधिकतम पांच लाख रूपये के अर्थदण्ड का प्रावधान है। मिलावटी खाद्य पदार्थों के निर्माता एवं विक्रेता पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही लगातार जारी रहेगी।

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