ब्रेकिंग न्यूज
logo
add image
Blog single photo

शिक्षा को समाज से जोडऩा ही कौशल विकास है- प्रो. पाण्डे

उज्जैन। शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ डिग्री प्राप्त करना ही नहीं बल्कि समाज का भी चहुँमुखी विकास करना है। शिक्षा का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए। यह तभी संभव जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति तक शिक्षा का प्रचार-प्रसार हो। गाँधीजी के अनुसार भारत ग्रामों में बसता है। गाँव का विकसित होना आवश्यक है। शोध-तकनीक, आधुनिक शोध को ग्रामों तक पहुँचे हमें ऐसी शिक्षा विकसित करनी होगी। ग्रामीण विकास का मूल आधार ही शिक्षा है। बाबा साहेब भी सामाजिक बुराईयों को मिटाने के लिए शिक्षा को ही मुख्य हथियार मानते थे।
उक्त विचार कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डे ने डॉ. आम्बेडकर पीठ एवं कृपा सोशल वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्वयं सहायता समूह की महिमा अध्यक्ष व सचिवों के कौशल विकास’ प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही। प्रो. पाण्डे ने कहा महिला का शिक्षित होना परिवार, समाज, राष्ट्र का विकास करना है। महिला का सुशिक्षित, सुसंस्कृत होने का तात्पर्य परिवार, समाज और राष्ट्र की दिशा और दशा में सार्थक सकारात्मक परिवर्तन होना है। कुलपति ने महिलाओं को मशरूम की खेती, केंचुआ खाद, जैविक खाद, परम्परागत खेती के प्रचलन को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से करने के लिए मार्गदर्शित किया। परिवार की नींव महिलाएँ ही हैं, आपसे ही परिवार मजबूत होता है। अपने सामाजिक दायित्वों को पूर्ण करते हुए आत्म निर्भर बनना होगा। परिवार, समाज राष्ट्र की यही प्राथमिक आवश्यकता है। कौशल विकास प्रशिक्षण लघु उद्योग भारती की सचिव, श्रीमती तृप्ति वैद्य व स्वस्तिक हस्तशिल्प महिला कल्याण समिति की सचिव श्रीमती वैशाली साठे ने दिया। कार्यक्रम की संयोजिका, संचालन डॉ. निवेदिता वर्मा ने किया। आभार कृपा सोशल वेलफेयर सोसायटी के प्रोजेक्ट को-ऑर्डीनेटर गोपाल गुप्ता ने किया। विशेष सहयोग अंकुर टिटवानिया ने दिया।

ताजा टिप्पणी

टिप्पणी करे

Top