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निजी बैंकों ने नहीं किया लक्ष्य पूरा, कलेक्टर ने जताई नाराजगी : आशीष सिंह ने डीएलसीसी के बैठक में प्रायवेट बैंकर्स को दी चेतावनी

उज्जैन 24 दिसम्बर। राष्ट्रीयकृत एवं निजी बैंकों की जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक आज सिंहस्थ मेला कार्यालय में कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने पीएम स्ट्रीट वेण्डर योजना में निजी क्षेत्र की बैंकों द्वारा लक्ष्य प्राप्ति में बरती गई उदासीनता के प्रति नाराजगी व्यक्त की।

उन्होंने एक्सिस बैंक, एयू स्माल फायनेंस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, साऊथ इंडियन बैंक, कोटक महिंद्रा, आईसीआईसीआई, इंडसइण्ड बैंक, फेडरल बैंक, कर्नाटका बैंक एवं बन्धन बैंक के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनको वैसे ही कम लक्ष्य दिये गये हैं, फिर भी प्रगति शून्य है। यदि ऐसा ही रहा तो सम्बन्धित बैंक अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिये वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्ताव भेजे जायेंगे। डीएलसीसी की बैठक में जिला पंचायत सीईओ अंकित अस्थाना, एलडीएम संदीप अग्रवाल, नाबार्ड के डीजीएम नागेश चौरसिया, महाप्रबंधक उद्योग एआर सोनी, उप संचालक कृषि सीएल केवड़ा सहित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एवं निजी क्षेत्र के बैंक के कॉर्डिनेटर्स मौजूद थे।

खाते नहीं खोले तो होगी कार्यवाही

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एवं स्ट्रीट वेण्डर योजना में निजी बैंकों के अलावा कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक, जिनमें एसबीआई एवं बैंक ऑफ इण्डिया शामिल है, का डिसबर्समेंट कम है। इसको आगामी 4 जनवरी के पूर्व कर दिया जाये। मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना के अन्तर्गत 1548 के लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 551 प्रकरणों में स्वीकृति जारी की गई है। इसको भी समय-सीमा में पूरा करने के लिये कहा गया है। स्वहायता समूहों के खाता खोलने में बैंकर्स रूचि नहीं लेते हैं तथा स्वसहायता समूह के जितने भी सदस्य हैं, उन सभी के केव्हायसी की जानकारी मांगते हैं, जबकि रिजर्व बैंक के सर्कुलर के अनुसार स्वसहायता समूह के अध्यक्ष व सचिव के ही आधार एवं पेनकार्ड मांगे जाना चाहिये। कलेक्टर ने सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि बैंक की सभी शाखाओं के प्रबंधकों को यह बता दिया जाये कि स्वसहायता समूह के खाते खोलने में किसी तरह की आनाकानी न करें, अन्यथा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

सब्सिडी का करें प्रचार प्रसार

कलेक्टर ने पहली बार हाउसिंग लोन लेने वाले हितग्राहियों को सब्सिडी की राशि क्लेम करने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक ब्रांच स्तर पर पोस्टर बैनर लगाकर एवं पेम्पलेट वितरित कर हाउसिंग लोन सब्सिडी की पात्रता के सम्बन्ध में शर्तों की जानकारी आम नागरिक को दी जाये।
बैंक अधिकारियों पर होगी कार्यवाही

कलेक्टर ने बैंक अधिकारियों को जानकारी दी कि वर्ष 2017 एवं 2018 में बैंक अधिकारियों की गलती से पोर्टल पर यूटीआर अपलोड नहीं करने के कारण कई किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पाया है। राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि बैंक के जिस अधिकारी की गलती से भुगतान नहीं हुआ है, उसकी वसूली सम्बन्धित अधिकारी से की जाये। उन्होंने हिदायत दी है कि वर्ष 2019 के भी ऐसे मामले हैं। इनकी जानकारी एकत्रित कर आने वाले समय में पोर्टल ओपन होने पर समस्त जानकारी अपलोड कर दी जाये, जिससे कि वर्ष 2017 व 2018 की गलती दोहराई न जाये। बैठक में एलडीएम संदीप अग्रवाल ने जानकारी दी कि जिले में सभी बैंकों का एनपीए 493 करोड़ रुपया है, जो मार्च-2020 से 21 प्रतिशत कम हो गया है।

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