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कलेक्टर ने चरक से डिलीवरी हुई महिलाओं एवं रैफर हुई महिलाओं का रिकार्ड मांगा

उज्जैन 12 अक्टूबर। कलेक्टर आशीष सिंह ने समयावधि-पत्रों की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने-अपने विभागों में लम्बित प्रकरणों में देरी न की जाये। उनका समय-सीमा में निराकरण किया जाये। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिये कि चरक अस्पताल में पिछले सात दिनों में कितनी प्रसूति महिलाओं को बाहर रैफर किया गया, इसकी जानकारी प्रस्तुत की जाये। साथ ही सात दिवस में चरक अस्पताल में कितनी डिलेवरी हुई है, इसके आंकड़े भी प्रस्तुत किये जायें।
बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने विभागवार समीक्षा कर जिन प्रकरणों का निराकरण हो गया है, उन प्रकरणों को टीएल से हटाने के निर्देश दिये। नापतौल विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि वे नई प्रयोगशाला हेतु भूमि आवंटन के लिये निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करें। इस अवसर पर अपर कलेक्टर अवि प्रसाद, जिला पंचायत सीईओ अंकित अस्थाना, नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल, एडीएम नरेन्द्र सूर्यवंशी तथा विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी मौजूद थे।
इट राइट चैलेंज योजना के सम्बन्ध में अवगत कराया
खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग के संयुक्त नियंत्रक अभिषेक दुबे ने टीएल बैठक के बाद अधिकारियों को जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण नईदिल्ली द्वारा इट राइट चैलेंज योजना प्रारम्भ की गई है। इस बारे में उन्होंने सम्बन्धित विभागों के जिला अधिकारियों को विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि उक्त योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश के कुछ ही जिलों का नामांकन किया गया है। योजना के तहत स्वास्थ्यप्रद एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थों के विक्रय एवं निर्माण की संस्कृति विकसित करने तथा आमजनों में गुणवत्तापूर्ण एवं स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थों के उपयोग एवं जागरूकता जवाबदारी विकसित करने के उद्देश्य से तकनीकी एवं आर्थिक मदद प्रदान कर इट राइट चैलेंज प्रतियोगिता सम्पूर्ण भारत के लगभग 150 जिलों के खाद्य सुरक्षा प्रशासन से नामांकन चाहे गये हैं। बेहतर टास्क का प्रदर्शन करने वाले जिलों को निर्धारित अंकों में से उच्चतर अंक पाने वाले जिलों का चयन किया जायेगा।
संयुक्त नियंत्रक श्री अभिषेक दुबे ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि जिले में संचालित खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा पूर्व में जारी किये गये ऐसे खाद्य लायसेंस/पंजीयन जो वर्तमान में एक्सपायर्ड हो गये हैं, उन्हें विशेष शिविर आयोजित कर पुन: जारी किये जाना है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी, स्व-सहायता समूह, सांझा चूल्हा एवं विभाग अन्तर्गत संचालित अन्य योजना के लिये अर्हता अनुसार खाद्य लायसेंस एवं पंजीयन प्राप्त किया जाना है। इस कार्य के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जाना प्रस्तावित है, ताकि लक्ष्य की सुगमतापूर्वक प्राप्ति की जा सके। इसी तरह शिक्षा विभाग के अन्तर्गत मध्याह्न भोजन तथा विभिन्न स्कूलों में संचालित किये जाने वाले केंटीन हेतु अर्हता अनुसार खाद्य लायसेंस एवं पंजीयन प्राप्त किया जाना है। इस कार्य के लिये जिला शिक्षा अधिकारी को नोडल बनाया जाना प्रस्तावित है।

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