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लोकायुक्त की जद में आये सीएमओ का है राधौगढ़ से कनेक्शन, भ्रष्ट अधिकारियों ने बना रखा है सिंडिकेट

उज्जैन। नगर पालिका बडऩगर के निलंबित मुख्य मुख्य नगरपालिका अधिकारी कुलदीप किंशुक के यहां लोकायुक्त की छापामार कार्रवाई के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह उपस्थित हुआ है कि कुलदीप किंशुक की नियुक्ति तृतीय श्रेणी कर्मचारी के रूप में हुई थी। फिर वह द्वितीय श्रेणी का अधिकारी कैसे बन गया। इस बात का जवाब किसी भी जिम्मेदार के पास नहीं है।  लेकिन यह बात तो सच है कि बिना किसी पॉलिटिकल कनेक्शन के वह इस मुकाम तक नहीं पहुंच सकता है।

लोकायुक्त की टीम सीएमओ कुलदीप के करोड़पति बनने की जांच में 14 घंटे से अधिक समय तक जुटी, तब जाकर पता चला कि वह खुद ही सीएमओ व ठेकेदार भी है। दस्तावेजों में विनायक ट्रेडिंग कंपनी के दस्तावेज खंगाले तो पता चला कि उसने दोस्त मुकेश परमार के नाम पर कंपनी बनाई है। लेकिन बैंक पासबुक व चेक में कुलदीप का ही नाम है। विनायक ट्रेडिंग के नाम से पांच लाख का कैंसिल चेक भी जब्त किया। जिसमें कुलदीप के साइन है। लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसी कई फर्म दोस्त, परिचित व रिश्तेदारों के नाम पर मिली है। इंदौर के बारोली में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में सात खाते पता चले है।

सीएमओ का राधौगढ़ से कनेक्शन

बताया जा रहा है कि कुलदीप का ससुराल गुना में है। उसके ससुर राघोगढ़ के नेताजी से जुड़े हुए हैं। ससुर का कोयले का कोराबार है, इसलिए कुलदीप को राजनीतिक पहुंच का फायदा मिल रहा। प्रभारी सीएमओ के पद पर वह सालों से काबिज है। बडऩगर नगर पालिका में सीएमओ बनाए जाने को लेकर यह बात भी सामने आई कि उसे स्थानीय विधायक लाए थे और कुलदीप उनका रिश्तेदार भी है। लेकिन स्थानीय विधायक ने इस बात से इंकार किया है।

भ्रष्ट अधिकारियों ने बनाया सिंडिकेट

लोकायुक्त के छापे के पूर्व सोमवार रात को शाजापुर पोलायकला सीएमओ वीरेंद्र मेहता व महिदपुर सीएमओ प्रदीप शास्त्री ने कुलदीप के माकड़ौन स्थित घर पर शराब पार्टी की। इसमें सीएमओ कुलदीप का दोस्त मुकेश परमार भी शामिल था। सुबह छापे के बाद दोस्त व दोनों सीएमओ तत्काल निकल गए लेकिन उन पर भी निलंबन की गाज गिर गई।  लोकायुक्त को जांच में यह भी चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी कि कुलदीप के करो?पति बनने के पीछे एक ब?ी चेन है। अन्य नगर पालिका व नगर परिषद के सीएमओ भी कुलदीप से जु?े हुए है। आपसी सांठगाठ के चलते वे आपस में सप्लाय व निर्माण के काम भी खुद ही अपने बनाई फर्मों से करवाते है। लोकायुक्त टीम इस दिशा में भी जुट गई है। अन्य कई सीएमओ भी फसेंगे।

मोटे ब्याज पर भी देता था कर्ज

जांच में लोकायुक्त पुलिस को यह पता चला है कि कुलदीप ब्याज पर भी पैसा चलाता है। जो लोग ब्याज में फंस जाते है उनकी जमीन भी खरीदने का पता चला है जिसकी जांच की जा रही है। बुधवार को शेष 40 बैंक खाते समेत अन्य बिंदुओं पर जांच के बाद और भी खुलासे होने की संभावना है।

लोकायुक्त इंस्पेक्टर किसान बनके जांच करने गए थे

लोकायुक्त निरीक्षक राजेंद्र वर्मा का कहना था कि उनके कार्यकाल का यह पहला छापा है। जिसके लिए गोपनीय शिकायत के बाद दो महीने से तैयारी की जा रही थी। तीन दिन पूर्व ग्रामीण बन बडऩगर में सीएमओ कुलदीप से मिलने के बहाने पहुंचा था लेकिन उसके ड्राइवर ने मुझे यह कहते हुए भगा दिया कि साहब हर किसी से नहीं मिलते है, बाद में आना। इस तरह बडऩगर, माकड़ौन, तराना, आलोट तक जानकारी जुटाने के बाद एक साथ कार्रवाई की गई। इधर, वर्मा ने बताया कई ऐसे दस्तावेज मिले है।

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