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बीमार अधिकारी एवं कर्मचारी रैफर करने पर ही निजी चिकित्सालय में जायें : चिकित्सा प्रतिपूर्ति हेतु कार्योत्तर स्वीकृति की बैठक संपन्न

उज्जैन 28 सितम्बर। कमिश्नर आनन्द कुमार शर्मा की अध्यक्षता में मप्र शासन के अधिकारी एवं कर्मचारियों के राज्य के भीतर निजी चिकित्सा प्रतिपूर्ति हेतु कार्योत्तर स्वीकृति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कमिश्नर ने राज्य के भीतर निजी चिकित्सा प्रतिपूर्ति हेतु अधिकारी एवं कर्मचारियों के इलाज के क्लेम की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की।

उन्होंने कहा कि अधिकारी एवं कर्मचारियों को जब शासकीय चिकित्सालय प्रायवेट चिकित्सालय में इलाज के लिये रैफर करे, तभी अधिकारी एवं कर्मचारी प्रायवेट चिकित्सालय में जायें। इससे उन्हें इलाज में कम चार्ज लगेगा। जो लगेगा वह शासन देगी। कमिश्नर ने कहा कि यदि इमरजेंसी की हालत है तो प्रायवेट चिकित्सालय में जाया जा सकता है। बैठक में बताया गया कि निजी चिकित्सालय के डॉक्टर की फीस, कंसल्टेंट फीस एवं रूम चार्ज शासन द्वारा प्रदान नहीं किया जाता है। यह स्वयं मरीजों को वहन करना पड़ता है। आज आयोजित बैठक में कमिश्नर ने न्यायाधीशगणों, जनप्रतिनिधियों के इलाज पर खर्च हुई राशि की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में साधारण सर्दी, खांसी के प्रकरण निरस्त किये गये। वहीं कैंसर, सर्जरी, किडनी की गंभीर बीमारी, हृदय रोग, सिजर डिलेवरी के प्रकरण स्वीकृत किये गये। कर्मचारियों के माता-पिता, भाई-बहनों, पत्नी एवं बच्चों के बीमारी के प्रकरण भी स्वीकृत किये गये और उसमें कार्योत्तर स्वीकृति की राशि स्वीकृत की गई। वहीं कुछ प्रकरण निरस्त भी किये गये।

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